शनिवार, 20 मार्च 2021

चिंटू देशभक्त

देशभक्त होना एक बात है और दिखाना दूसरी.. यह गजब माहौल चला है देश में जहां आपकी देशभक्ति का अनुमान आपकी सोशल मीडिया पोस्ट से लगाया जाता है। मतलब आप जब तक एक पोस्ट ना चिपका दें फेसबुक पर आप की खुद्दारी शंका के घेरे में ही रहती है। आप जितना ज्यादा पोस्ट करें उतना ही बड़े राष्ट्रभक्त हैं..भले ही आप देश के लिए कार्यरत हैं लेकिन अगर आपने पोस्ट नहीं की तो आप गद्दार हैं,फिर तो आपके हिसाब से हमारे बहुत से पुलिसकर्मी, सेनानी, सफाई कर्मी और अन्य देश की सेवा में कार्यरत लोग जो फेसबुक इत्यादि नहीं चलाते हैं या उन पर पोस्ट नहीं करते वह तो बेखबर है हर घटना से कि देश में क्या हो रहा है और उन्हें किसी भी घटना से कोई इल्म ही नहीं...मतलब आप पोस्ट कर दें बस फिर चाहें खामोस रहें...मुझे कई लोग मैसेज करके कह रहे हैं कि आपने प्रेम पर कविता लिख दी इस समय...ऐसा कौन सा अपराध कर दिया भाई..मैं अगर गरीबों में खाना बांट दूं या बांट रहा हूं या गरीबों की सेवा कर दूं या मदद कर दूं तो कोई बात नहीं,मेरी निष्ठा तब तक सत्य नहीं मानी जाएगी जब तक मैं गरीबी का जिक्र अपनी फेसबुक वॉल पर ना कर दूं... हमारे बहुत से मित्र ऐसे हैं जिन्हें रामायण,महाभारत, गीता के 5 श्लोक या चौपाई भी कंठस्ठ नहीं लेकिन बातें ऐसे करेंगे जैसे उनसे बड़ा धर्म मानने वाला कोई है ही नहीं..आप स्वयं पढिये तब दुनिया पढ़ेगी.. आप संघर्ष करिये,वास्तव में लड़िये,मानवता के लिये, राष्ट्र के लिये,अन्याय के खिलाफ आवाज उठाइए लेकिन दिखावा ना करिये.. ज्ञान प्रकाश आकुल दादा की पंक्तियां याद आती हैं "अंगारों की बारिश में कुछ फूल बचाना फूलों पर कविता लिखने से बेहतर है.." तो यह जरूरी नहीं कि आप लिखें बल्कि यह जरूरी है आप अन्याय के खिलाफ आवाज उठायें, सत्य के पक्ष में रहे, अडिग रहें..तब जीत तय है🙏 *अब मुझे मैसेज करके तथाकथित चिंटू देशभक्त मेरा कर्तव्य पथ न याद दिलायें, पहले ॐ का उच्चारण करना सीख कर आयें...मुझे कब बोलना है कब चुप रहना है इसका निर्णय आपकी बौद्धिक क्षमता से परे है..
निर्मल एहसास

कोहबर की शर्त

गुनाहों का देवता आपने पढ़ी ही होगी,गुनाहों का देवता पढ़ते हुए अक्सर लगता था कि ऐसी मुकद्दस प्रेम कहानी भला कहाँ मिलेगी..धर्मवीर भारती अद्विती...